Hindi Poetry सागर उमड़ के आँख ने गहरा दिखा दिए !

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Hindi Poetry सागर उमड़ के आँख ने गहरा दिखा दिए !

!! गज़ल!!


सागर उमड़ के आँख ने गहरा दिखा दिय !अब उम्र के इस मोड़ ने ठहरा दिखा दिया ! ( 1 )

मसली गयी नाज़ुक कली ज़ख्मी हुआ जिगर !एहसान वाले बोल भी मरता दिखा दिया ! ( 2 )

मारा गया मज़लूम क्योँ नफ़रत मिया उसे !लो हुक्मराँ भी शोर कर डरना सिखा दिया !! ( 3 )

हमने वफ़ा ही की सदा वो बेवफ़ा रहे !ऐ ज़िन्दगी तुमने हमेँ बहरा दिखा दिया !! ( 4 )

वो आँसूओ की झील सी आँखे बना गयी !हर पल नज़र मेँ धुँध को बिखरा दिखा दिया !! ( 5 )

कुदरत सँवारे रुप तो बरबाद भी करे !सगर शिखर झरने कभी सहरा दिखा दिया !! ( 6 )

आशु दिलोँ मे चाहतोँ का बीज बो रहा !सुख से भरी ये ज़िन्दगी करना सिखा दिया !! ( 7 )

आशुतोष ( आशु )






इस कविता का एक शानदार विडियो हमारे Youtube चैनल भी है , देखिये-




लेखक परिचय-

आशुतोष पाल (आशु)
जौनपुर,
उत्तर प्रदेश 


Copyright- इस विडियो से सम्बंधित सभी तथ्य "A to Z Sangam" के पास सुरक्षित है.....|

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